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क्या नाटो से अलग होगा अमेरिका? अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप के सांसद ने पेश किया बिल

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Posted On:Wednesday, December 10, 2025

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के माहौल में, अमेरिका के रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी ने अमेरिकी कांग्रेस में एक बिल पेश किया है, जिसने अमेरिका की विदेश नीति को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। थॉमस मैसी ने इस बिल के ज़रिए उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) से अमेरिका को तुरंत अलग करने की मांग की है।

मैसी का तर्क है कि नाटो अब एक विश्वसनीय संगठन नहीं रहा है, और इसलिए अमेरिका को तुरंत इससे अलग हो जाना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि थॉमस मैसी के इस बिल पर डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

थॉमस मैसी के बिल का नाम और मुख्य दलीलें

थॉमस मैसी द्वारा पेश किए गए बिल का नाम है: "Not A Trusted Organization Act" (NATO Act). इस बिल में उन कारणों को विस्तार से बताया गया है, जिनके आधार पर अमेरिका को नाटो से अलग होने की मांग की गई है।

  • अमेरिका के हितों की उपेक्षा: बिल में कहा गया है कि नाटो अब अमेरिका के हितों की रक्षा नहीं कर रहा है।

  • रूस-अमेरिका तनाव का कारण: नाटो का पूर्व की ओर लगातार विस्तार रूस और अमेरिका के बीच तनाव का मुख्य कारण बना है।

  • विश्वसनीयता की कमी: नाटो अब एक विश्वसनीय संगठन नहीं रह गया है।

नाटो के खिलाफ बिल की दलीलें

मैसी के बिल में नाटो के खिलाफ कई मजबूत दलीलें पेश की गई हैं, जो इस गठबंधन के मूल उद्देश्य और उसके विस्तार पर सवाल उठाती हैं:

  1. उद्देश्य की अप्रासंगिकता: नाटो की स्थापना शीत युद्ध (Cold War) के दौरान सोवियत संघ (USSR) को संतुलित करने के लिए की गई थी। बिल में कहा गया है कि चूँकि आज सोवियत संघ का पतन हो चुका है, इसलिए नाटो का मूल उद्देश्य अप्रासंगिक हो गया है।

  2. पूर्व की ओर विस्तार का वादा तोड़ना: सोवियत संघ के पतन के बाद पश्चिम ने कथित तौर पर वादा किया था कि नाटो पूर्व की ओर विस्तार नहीं करेगा। इसके बावजूद, नाटो का विस्तार 1999 से लगातार पूर्व की ओर हुआ।

  3. रूसी सुरक्षा चिंता: वर्ष 2025 तक नाटो का विस्तार इस स्तर तक पहुँच गया है कि रूस के साथ इसकी लगभग 1,500 मील लंबी जमीनी सीमा बन गई है। यह विस्तार मॉस्को के लिए एक गंभीर सुरक्षा चिंता पैदा करता है।

  4. सीधा खतरा: रूस की सैन्य डॉक्ट्रिन के अनुसार, नाटो का विस्तार रूसी सुरक्षा के लिए सीधा खतरा माना जाता है।

  5. पुतिन की चेतावनी: वर्ष 2007 में भी व्लादिमीर पुतिन ने अपनी म्यूनिख स्पीच में नाटो के विस्तार को उकसाने वाला कदम कहा था।

ट्रंप भी कस रहे नाटो देशों पर तंज

सांसद मैसी के बिल से ठीक एक दिन पहले, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी एक इंटरव्यू में नाटो सदस्य देशों पर तंज़ कसा था।

  • ट्रंप ने कहा कि यूरोप का क्षय हो रहा है, और अधिकांश यूरोपीय कंट्री पतन की कगार पर हैं।

  • उन्होंने आरोप लगाया कि नाटो कंट्री अमेरिका को 'डैडी' मान रहे हैं और अपनी सुरक्षा के लिए उस पर निर्भर हैं।

  • इसके विपरीत, ट्रंप ने रूस की तारीफ करते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध में अभी पुतिन को बढ़त है, और अगर यूक्रेन संधि नहीं करता है तो आने वाले दिनों में उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।

नाटो एक मिलिट्री गठबंधन है जिसमें वर्तमान में 32 देश शामिल हैं, जिनमें 30 यूरोप के और 2 नॉर्थ अमेरिका (अमेरिका और कनाडा) के हैं। नाटो का मुख्य मकसद राजनीतिक और सैन्य साधनों के माध्यम से अपने सदस्यों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी देना है।


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