लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले के बाद, यमन में पिछले पाँच महीनों से बंदी बनाए गए भारतीय नाविक अनिल कुमार रवींद्रन को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस खबर की आधिकारिक पुष्टि की।
केरल के पथियूर के रहने वाले पूर्व सैनिक अनिल रवींद्रन, लाइबेरियाई झंडे वाले मालवाहक जहाज़ MV Eternity C के क्रू सदस्यों में शामिल थे। इस जहाज पर इस साल 7 जुलाई को हूती विद्रोहियों ने मिसाइल से हमला किया था। इस हमले में जहाज़ डूब गया था, और दुर्भाग्य से, चार क्रू सदस्यों की मौत हो गई थी। जहाज़ पर सवार बाकी बचे 11 नाविकों को, जिनमें अनिल भी शामिल थे, हूती विद्रोहियों ने हिरासत में ले लिया था।
ओमान की मध्यस्थता से रिहाई
हूती विद्रोहियों ने बुधवार को अनिल सहित बंदी बनाए गए इन सभी 11 नाविकों को रिहा कर दिया। रिहाई के बाद, रॉयल ओमान एयर फोर्स के एक विशेष विमान से सभी को यमन की राजधानी सना से मस्कट ले जाया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, "भारत सरकार अनिलकुमार रवींद्रन की रिहाई का स्वागत करती है। वे कल मस्कट पहुंच चुके हैं और जल्द ही भारत वापस आएंगे। उनकी सुरक्षित रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार लगातार विभिन्न पक्षों के साथ बातचीत कर रही थी।"
मंत्रालय ने अनिल कुमार रवींद्रन की रिहाई को आसान बनाने के लिए ओमान सल्तनत के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है, जिसने इस मामले में एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
MV Eternity C पर हमला
7 जुलाई की रात MV Eternity C पर हूती विद्रोहियों ने ड्रोन और मिसाइल से हमला किया था। जहाज़ पर सवार कुल 25 क्रू सदस्यों में से चार की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि बाकी क्रू को हूती विद्रोहियों ने अगवा कर लिया था।
यह हमला ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा गाजा युद्ध के विरोध में लाल सागर से गुजरने वाले जहाज़ों पर किए जा रहे हमलों की श्रृंखला का हिस्सा था। पिछले एक साल में, हूतियों ने 100 से अधिक जहाज़ों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए हैं, चार जहाज़ डुबोए हैं, और कम से कम नौ नाविकों की जान ली है।
परिवार को मिली राहत
केरल के अलप्पुझा जिले के पथियूर गांव में अनिल का परिवार पिछले पाँच महीनों से एक असहनीय अनिश्चितता में जी रहा था। अनिल के पूर्व सैनिक होने और मर्चेंट नेवी में अच्छी नौकरी करने के बावजूद, उनके अपहरण की खबर से परिवार सदमे में था। हालांकि, हिरासत में लिए जाने के कुछ दिनों बाद ही उन्होंने परिवार को फोन करके अपने सुरक्षित होने की खबर दी थी, जिससे थोड़ी राहत मिली थी।
अनिल की पत्नी और दो बच्चों ने इस दौरान टीवी-समाचार के हर बुलेटिन का बेसब्री से इंतज़ार किया। बुधवार शाम जब खबर आई कि अनिल समेत सभी 11 नाविक रिहा हो गए हैं, तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। पड़ोसी और रिश्तेदार मिठाई लेकर उनके घर पहुंचने लगे।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पिछले पाँच महीनों में भारत ने ओमान, सऊदी अरब और कतर के साथ लगातार बातचीत की। ओमान ने हूती विद्रोहियों के साथ अपने खुले संवाद चैनल का उपयोग करते हुए मध्यस्थता की। सूत्रों का कहना है कि अनिल रवींद्रन आज या कल मस्कट से मुंबई या कोच्चि के रास्ते भारत पहुंच जाएंगे।