उत्तर प्रदेश की रामपुर जेल में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान बंद हैं। सितंबर महीने में वे जमानत पर बाहर आए थे, लेकिन दो पैन कार्ड रखने के मामले में उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ा है। पिछले कई दिनों से वह जेल में ही बंद हैं। बुधवार को उनका परिवार उनसे मुलाकात के लिए जेल पहुँचा था, हालांकि, उन्होंने परिवार से मिलने के लिए साफ इनकार कर दिया है।
दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड मामले में सात-सात साल की सजा काट रहे सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने बुधवार को अपने ही परिवार से मिलने से मना कर दिया। इससे परिवार के सदस्यों को गहरा सदमा लगा है। उनकी पत्नी, बहन और बड़ा बेटा अदीब बिना मुलाकात किए ही वापस लौट आए।
बिना मुलाकात के निराश लौटे परिजन
बुधवार दोपहर आजम खां की पत्नी व पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. तजीन फात्मा, बड़े बेटे अदीब आजम और बहन निखहत हसन खास मुलाकात के लिए रामपुर जेल पहुँचे थे।
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मुलाकात की अर्जी: उन्होंने जेल प्रशासन से निर्धारित समय पर मुलाकात की अर्जी दी।
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इनकार: लेकिन, कुछ देर बाद जेल अधिकारियों ने परिवार को बताया कि आजम खां और अब्दुल्ला आजम ने परिवार से मिलने से मना कर दिया है।
इसके बाद, तीनों सदस्य पिता और बेटे से बिना मुलाकात किए निराश होकर वापस लौट गए।
किसी से नहीं मिल रहे आजम खान
जेल सूत्रों का कहना है कि पिछले कई दिनों से दोनों पिता-पुत्र किसी से भी मिलना नहीं चाहते हैं।
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समर्थक भी निराश: रोजाना दर्जनों समर्थक और रिश्तेदार जेल पहुँच रहे हैं, लेकिन दोनों ने हर किसी से मिलने से इनकार कर रखा है।
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जेल प्रशासन की चुप्पी: जेल प्रशासन भी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है और कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहा है। आजम खान के इस कदम से राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं।
कोर्ट में भी टली सुनवाई
इधर, आजम खां और अब्दुल्ला के खिलाफ चल रहे अन्य मामलों में भी बुधवार को कोई प्रगति नहीं हुई।
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फांसी घर जमीन कब्जा मामला: फांसी घर की जमीन कब्जाने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन नहीं हो सकी। अब अगली तारीख 23 दिसंबर तय की गई है।
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वोटरों को धमकाने का मामला: इसी तरह अब्दुल्ला आजम के खिलाफ वोटरों को धमकाने के मामले में भी गवाह कोर्ट नहीं पहुँचा, जिस कारण सुनवाई टल गई। इस मामले की अगली तारीख भी 23 दिसंबर ही रखी गई है।
आजम खान और अब्दुल्ला आजम का जेल में परिवार से भी न मिलना, उनकी मौजूदा मानसिक स्थिति और भविष्य की राजनीतिक रणनीति को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है।