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इंडिगो की 200 फ्लाइट कैंसल, दिल्ली से बेंगलुरु का किराया पहुंचा 43 हजार

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Posted On:Thursday, December 4, 2025

हर तीन दिन में दस लाख से अधिक यात्रियों को हवाई यात्रा की सुविधा देने वाली देश की सबसे बड़ी एयरलाइन के पैसेंजर्स इन दिनों भारी असुविधा का सामना कर रहे हैं। उड़ानों में बड़े पैमाने पर देरी और रद्द होने के मामलों के कारण सोशल मीडिया पर यात्रियों का आक्रोश चरम पर है। जनता की इस गंभीर असुविधा को देखते हुए, एविएशन के शीर्ष अधिकारी अब एक्शन मोड में आ गए हैं।

डीजीसीए ने मांगा स्पष्टीकरण और 'एक्शन प्लान'

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने गुरुवार को इस पूरे मामले पर एयरलाइन के सीनियर मैनेजमेंट से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही, डीजीसीए ने एक ठोस कार्य योजना (एक्शन प्लान) लाने को भी कहा है, ताकि यात्रियों की इस बड़ी परेशानी को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके।

एक अधिकारी ने इस संबंध में पुष्टि करते हुए कहा कि DGCA वर्तमान स्थिति की गंभीरता से जांच कर रहा है। नियामक एयरलाइन के साथ मिलकर कैंसिलेशन और डिले को कम करने के उपायों का मूल्यांकन कर रहा है ताकि यात्रियों को होने वाली असुविधा को न्यूनतम किया जा सके।

नवंबर से ही मिल गए थे संकट के संकेत

इंडिगो की मौजूदा ऑपरेशनल अस्थिरता अचानक नहीं आई है; इसके संकेत नवंबर 2025 से ही मिलने शुरू हो गए थे। एयरलाइन ने अब स्वीकार किया है कि पिछले दो दिनों से (बुधवार और गुरुवार) उनके पूरे नेटवर्क में ऑपरेशन काफी बाधित रहा है।

इंडिगो ने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कुछ उपाय शुरू किए हैं, जिसमें उड़ानों में कटौती शामिल है। एयरलाइन ने कहा है कि ये उपाय अगले 48 घंटों तक लागू रहेंगे और उन्हें अपने ऑपरेशन को सामान्य बनाने और पूरे नेटवर्क में अपनी समय की पाबंदी (पंकचुएलिटी) को धीरे-धीरे बहाल करने में मदद मिलेगी।

क्रू की कमी है बड़ी वजह

आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में इंडिगो द्वारा रद्द की गई 1,232 उड़ानों में से लगभग 62 फ़ीसदी उड़ानें चालक दल (कॉकपिट क्रू) की कमी के कारण रद्द हुईं।

दरअसल, भारतीय एयरलाइंस के कॉकपिट क्रू द्वारा थकान की गंभीर शिकायतों के बाद, DGCA ने 1 नवंबर से अधिक मानवीय क्रू उड़ान ड्यूटी मानदंड लागू किए थे। इस नए नियम के तहत पायलटों के लिए आराम और काम के घंटों को लेकर सख्ती बढ़ गई, जिससे एयरलाइन की पायलटों की आवश्यकता बढ़ गई। 62% कैंसिलेशन डेटा स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि इंडिगो अब इस मोर्चे पर गंभीर संघर्ष कर रही है।

इस ऑपरेशनल संकट का सीधा असर इंडिगो के ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) पर पड़ा है। अक्टूबर 2025 में जो OTP 84.1% था, वह पिछले महीने गिरकर 67.7% हो गया।

आसमान पर पहुंचा हवाई किराया

इंडिगो की उड़ानों में बड़े पैमाने पर कटौती और उड़ानों को लेकर अनिश्चितता ने तत्काल यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए हवाई किराए को आसमान पर पहुंचा दिया है।

  • शुक्रवार और शनिवार (5 और 6 दिसंबर) के लिए:

    • दिल्ली-बेंगलुरु का इकोनॉमी क्लास का एकतरफ़ा टिकट ₹11,000 से ₹43,145 के बीच देखा गया।

    • मुंबई-कोलकाता का किराया ₹8,000 से ₹19,000 के बीच था।

    • दिल्ली और मुंबई के बीच भी किराया ₹18 हजार से लेकर ₹31 हजार के बीच रिकॉर्ड किया गया।

यात्रियों की परेशानी दोहरी हो गई है—एक तरफ उड़ानें रद्द होने या विलंब का डर, तो दूसरी ओर अंतिम मिनट की यात्रा के लिए अत्यधिक महंगा किराया चुकाने की मजबूरी। DGCA का हस्तक्षेप अब यात्रियों को राहत दिलाने के लिए एक अनिवार्य कदम माना जा रहा है।


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