4 दिसंबर 2025 की सुबह भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में एक बार फिर तेज उछाल दर्ज किया गया है। बाजार खुलते ही गोल्ड रेट में उल्लेखनीय बढ़त देखने को मिली, जिसने निवेशकों और आम उपभोक्ताओं दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती और भारतीय रुपये के मुकाबले डॉलर की बढ़ती ताकत, यानी रुपये की गिरावट, ने घरेलू बाजार में भी कीमतों को ऊपर खींच दिया है।
सोने की कीमतों में तेज रफ्तार
पिछले कुछ दिनों से अस्थिरता के बावजूद दबाव झेल रहे सोने ने आज फिर से तेजी पकड़ी है। देश के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमतें रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब पहुंच गई हैं:
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दिल्ली में 24 कैरेट सोना: ₹1,30,740 प्रति 10 ग्राम
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मुंबई और चेन्नई में 24 कैरेट सोना: ₹1,30,590 प्रति 10 ग्राम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गोल्ड मजबूत दिखाई दिया और इसका हाजिर भाव $4,207.67 प्रति औंस के पास बना हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर ने आयातित सोने की लागत को बढ़ा दिया है, जिससे घरेलू कीमतों में तेजी आई है।
देश के प्रमुख शहरों में 22 और 24 कैरेट सोने के रेट (प्रति 10 ग्राम):
| शहर |
22 कैरेट |
24 कैरेट |
| दिल्ली |
₹1,19,860 |
₹1,30,740 |
| मुंबई |
₹1,19,710 |
₹1,30,590 |
| चेन्नई |
₹1,19,710 |
₹1,30,590 |
| कोलकाता |
₹1,19,710 |
₹1,30,590 |
| लखनऊ |
₹1,19,860 |
₹1,30,740 |
| अहमदाबाद |
₹1,19,090 |
₹1,29,910 |
नोट: ये दरें सांकेतिक हैं और इनमें जीएसटी, टीसीएस और अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं। अंतिम कीमत स्थानीय ज्वेलर्स पर निर्भर करती है।
फेडरल रिजर्व की बैठक पर टिकी नजरें
सोने की कीमतों में मौजूदा तेजी का एक बड़ा कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Fed) की आगामी बैठक की उम्मीदें हैं। दुनिया भर की नजर अब 9-10 दिसंबर को होने वाली इस बैठक पर टिकी है। बाजार में यह उम्मीद बनी हुई है कि फेड ब्याज दरों में नरमी ला सकता है।
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क्यों महत्वपूर्ण: जब ब्याज दरें घटती हैं, तो सरकारी बॉन्ड जैसे फिक्स्ड-इनकम एसेट का आकर्षण कम हो जाता है। निवेशक ऐसे में सेफ एसेट माने जाने वाले सोने में पैसा लगाते हैं, जिससे गोल्ड की मांग बढ़ती है और उसकी कीमत ऊपर जा सकती है। इसी वजह से सोने का ट्रेंड पहले से ही तेजी की तरफ झुका हुआ दिख रहा है।
चांदी भी महंगी – कीमतों में बड़ी बढ़त
सोने के साथ-साथ चांदी (Silver) के रेट ने भी बड़ी छलांग लगाई है। आज चांदी का भाव ₹1,91,100 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी $58.47 प्रति औंस पर ट्रेड कर रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की तरह चांदी की कीमतों पर भी डॉलर इंडेक्स, रुपये की चाल, और वैश्विक औद्योगिक मांग का बड़ा असर पड़ता है। औद्योगिक उपयोग के कारण चांदी की मांग में उछाल अक्सर कीमतों में तेजी लाता है।
सोना-चांदी क्यों हो रहे महंगे? प्रमुख कारण
सोना और चांदी की कीमतों में एक साथ आए इस उछाल के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक जिम्मेदार हैं:
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रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले रुपये का रिकॉर्ड निचले स्तर पर जाना।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती: वैश्विक स्तर पर सोने की हाजिर कीमतों में उछाल।
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सेफ एसेट की ओर रुख: वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों का सुरक्षित निवेश (सोना) की ओर झुकाव।
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फेड की ब्याज दरों की उम्मीदें: भविष्य में ब्याज दरें घटने की संभावना।
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बढ़ती आयात लागत: रुपये की गिरावट के कारण सोने के आयात पर अधिक खर्च होना।
निवेशक और ज्वेलरी खरीदने वाले दोनों को दिन भर में ग्लोबल मार्केट और रुपये की विनिमय दर पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि इन कारकों पर ही कीमतों में और बदलाव निर्भर करेगा।