अमेरिका में 1 अक्टूबर से जारी आंशिक सरकारी कामकाज बंदी (शटडाउन) के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा और विवादास्पद कदम उठाया है। उन्होंने घोषणा की है कि उनका प्रशासन शटडाउन का उपयोग उन डेमोक्रेट समर्थित कार्यक्रमों को स्थायी रूप से बंद करने के लिए करेगा, जिन्हें वे "समाजवादी" और "अर्ध-साम्यवादी" बताते हैं। प्रशासन की ओर से इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है, और जल्द ही बंद होने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत सूची जारी की जाएगी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि यह शटडाउन उनकी सरकार को वह सब करने का अवसर दे रहा है, जो सामान्य परिस्थितियों में संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि वे ऐसे डेमोक्रेट प्रोग्रामों को बंद कर रहे हैं, जिन्हें वे कभी शुरू नहीं होने देना चाहते थे, और अब बंद होने के बाद इन्हें किसी भी कीमत पर वापस नहीं आने दिया जाएगा।
रिपब्लिकन कार्यक्रमों को छूट देने की वजह
जब उनसे पूछा गया कि केवल डेमोक्रेट समर्थित कार्यक्रमों को ही क्यों बंद किया जा रहा है, तो राष्ट्रपति ट्रंप ने जवाब दिया कि रिपब्लिकन प्रोग्राम कारगर साबित हो रहे हैं, इसलिए उन्हें बंद नहीं किया जा रहा है। इस बीच, व्हाइट हाउस के मैनेजमेंट एंड बजट ऑफिस में अतिरिक्त कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने की योजना भी ट्रंप प्रशासन बना रहा है। पिछले सप्ताह भी, शटडाउन के कारण 7 संघीय एजेंसियों के हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि 1 अक्टूबर 2025 से सरकारी बंद जारी है, जो 2019 के बाद पहली बार हुआ है जब कांग्रेस वित्तीय वर्ष 2026 के लिए फंडिंग बिल पारित करने में विफल रही। उन्होंने इस गतिरोध को डेमोक्रेट्स की "जिद" का परिणाम बताया।
गतिरोध का मुख्य कारण: बजट और हेल्थकेयर
अमेरिका में यह शटडाउन रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच बजट और हेल्थकेयर फंडिंग को लेकर जारी गतिरोध का नतीजा है। डेमोक्रेट्स टैक्स क्रेडिट्स बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं, जबकि ट्रंप सरकार खर्चों में कटौती करना चाहती है। सीनेट में फंडिंग बिल पास कराने के लिए 60 वोटों की आवश्यकता थी, लेकिन यह 55 और 45 वोटों के अंतर से पास नहीं हो सका, जिसके बाद 30 सितंबर 2025 की रात से शटडाउन लागू हो गया।
ट्रंप प्रशासन जहां इस स्थिति के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहरा रहा है, वहीं डेमोक्रेट्स इसे राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों का परिणाम बता रहे हैं। विशेषज्ञों को आशंका है कि यह वर्तमान शटडाउन 2018-19 में चले 35 दिन के शटडाउन से भी अधिक लंबा खिंच सकता है। शटडाउन के कारण गैर-जरूरी सरकारी सेवाएं रुक गई हैं, और 20 लाख से अधिक संघीय कर्मचारियों को 'फरलो' यानी अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया है, जिससे उनकी सैलरी रोक दी गई है। राष्ट्रपति ट्रंप का नवीनतम कदम इस राजनीतिक और आर्थिक संकट को और भी अधिक गहरा सकता है।