जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर एक बार फिर दहला है। नौगाम पुलिस स्टेशन के पास हुए एक भीषण धमाके ने 14 नवंबर की रात को पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। यह धमाका इतना शक्तिशाली था कि इसने राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। इस भयानक घटना में 9 लोगों की दुखद मौत हो गई है, जबकि 30 लोग बुरी तरह घायल हुए हैं।
तबाही का मंजर और मौत की भयावहता
रात करीब 11 बजकर 22 मिनट पर हुए इस धमाके की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस थाने की बिल्डिंग का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया। कई वाहन जलकर राख हो गए, और सबसे भयावह बात यह है कि विस्फोट के कारण शवों के चिथड़े उड़ गए, और मानव अंग लगभग 300 फीट दूर तक बिखरे मिले। धमाके के तुरंत बाद आग भड़क उठी। आग की ऊंची-ऊंची लपटें आसमान को छूने लगीं, जिससे पूरा आसमान काले घने धुएं से भर गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी, जिससे आस-पास के घरों की खिड़कियां तक हिल गईं, और लोगों में दहशत फैल गई। चिंगारियां दूर-दूर तक जाकर गिरीं, जहां आग लगने की खबरें भी सामने आईं।
अमोनियम नाइट्रेट और टेरर मॉड्यूल कनेक्शन
इस घटना का सबसे चिंताजनक पहलू इसका दिल्ली कार धमाके से जुड़ाव है। यह विस्फोट उसी नौगाम पुलिस स्टेशन में हुआ है, जहां दिल्ली कार धमाके से पहले पकड़े गए टेरर मॉड्यूल के दौरान जब्त किया गया 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट रखा था। यह विस्फोटक जम्मू-कश्मीर निवासी डॉक्टर मुजम्मिल गनई के फरीदाबाद स्थित किराये के मकान से बरामद किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विस्फोटक पदार्थ मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सील किया जा रहा था, लेकिन इसी प्रक्रिया के दौरान उसमें विस्फोट हो गया। आशंका है कि पुलिस स्टेशन परिसर में खड़ी किसी जब्त की हुई कार में IED लगा था, जिसके विस्फोट ने अमोनियम नाइट्रेट के जखीरे को डेटोनेट कर दिया, जिससे यह जबरदस्त धमाका हुआ।
जैश से जुड़े ग्रुप ने ली जिम्मेदारी
इस घटना को सुरक्षा एजेंसियों ने गंभीरता से लिया है, क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े शैडो ग्रुप (PAFF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस संगठन ने इसे एक आतंकी हमला करार दिया है, जिसके चलते जांच की दिशा इसी ओर मोड़ दी गई है। धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। FSL की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है, जबकि शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
यह भीषण विस्फोट एक बार फिर यह साबित करता है कि घाटी में सुरक्षा स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है और आतंकी समूह किसी भी मौके का फायदा उठाने की फिराक में हैं। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे जल्द से जल्द इस साजिश की जड़ तक पहुंचें।