सोशल मीडिया आज के दौर में जानकारी का सबसे तेज़ माध्यम बन चुका है, लेकिन इसके साथ ही भ्रामक और फर्जी खबरों का अड्डा भी बन गया है। आए दिन किसी न किसी वीडियो या फोटो के जरिए जनता को भ्रमित किया जाता है। हाल ही में यूट्यूब चैनल “MotoTrack-d2z3w” पर एक ऐसा ही भ्रामक वीडियो सामने आया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि केंद्र सरकार देश के सभी गांवों की महिलाओं को ₹5000 प्रतिमाह देने जा रही है। यह दावा वायरल होते ही लाखों लोगों तक पहुंच गया, लेकिन जब इसकी सच्चाई की जांच की गई, तो पूरा मामला फर्जी निकला।
❓ क्या है वायरल दावा?
यूट्यूब चैनल “MotoTrack-d2z3w” पर एक वीडियो के थंबनेल में कहा गया है कि केंद्र सरकार "गांव की बेटी योजना" के तहत हर गांव की महिलाओं को ₹5000 प्रतिमाह देगी। यह दावा कुछ इस अंदाज़ में किया गया कि जैसे सरकार ने इसे औपचारिक रूप से लागू कर दिया हो।
वीडियो में दिखाए गए विजुअल्स और भाषा ऐसे हैं, जिससे आम जनता को लगे कि यह पूरी तरह से वास्तविक जानकारी है। कई लोग इसे सच मानकर इसे शेयर करने लगे और धीरे-धीरे यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
🔍 फैक्ट चेक में निकला फर्जी दावा
इस वायरल दावे की जांच पीआईबी (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो) की फैक्ट चेक यूनिट ने की। जांच के दौरान पीआईबी ने स्पष्ट रूप से बताया कि:
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केंद्र सरकार की ओर से "गांव की बेटी योजना" नामक कोई योजना नहीं चलाई जा रही है।
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महिलाओं को ₹5000 प्रतिमाह देने का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है।
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यूट्यूब चैनल द्वारा किया गया यह दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।
पीआईबी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल और वेबसाइट पर यह स्पष्टीकरण भी जारी किया, जिससे जनता को इस फर्जी खबर के बारे में पता चल सके।
⚠️ जनता को क्यों रहना चाहिए सतर्क?
सोशल मीडिया पर इस तरह की फर्जी योजनाएं और दावे आम हो चुके हैं। ऐसे वीडियो जानबूझकर वायरल किए जाते हैं ताकि लोगों को गुमराह किया जा सके या व्यूज और लाइक्स बटोरे जा सकें।
लोगों को चाहिए कि:
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किसी भी योजना या दावे पर तुरंत विश्वास न करें।
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हमेशा सरकारी वेबसाइट या आधिकारिक सूत्रों से ही जानकारी की पुष्टि करें।
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फर्जी वीडियो या मैसेज को शेयर न करें, क्योंकि यह गलत सूचना फैलाने का माध्यम बन सकता है।
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यदि किसी योजना की जानकारी मिले, तो पहले PIB Fact Check, सरकारी मंत्रालयों की वेबसाइट, या विश्वसनीय समाचार पोर्टल्स से उसकी पुष्टि करें।