यह वायरल पोस्ट और तस्वीरें, जिसमें यह दावा किया गया कि भारतीय सेना ने कश्मीर में आम नागरिकों के घरों को ध्वस्त किया, पूरी तरह से गलत साबित हुआ। फैक्ट चेक में यह साफ हुआ कि ये घर उन आतंकवादियों के थे जो हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले या अन्य आतंकी गतिविधियों में शामिल थे, और उन्हें भारतीय सेना ने नष्ट किया था।
वायरल तस्वीरों का सच:
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पहली तस्वीर: इसमें दिखाई गई बुज़ुर्ग महिला मलबे के बीच चलती नजर आ रही है। यह तस्वीर कश्मीर बुलेटिन के यूट्यूब चैनल से ली गई थी, जिसमें बताया गया था कि यह घर एक सक्रिय आतंकवादी जाकिर अहमद गनी का था, जो माटलहामा कुलगाम में आतंकी गतिविधियों में शामिल था। यह कोई आम नागरिक का घर नहीं था।
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दूसरी तस्वीर: यह तस्वीर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट से मेल खाती है, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों में से एक के घर को ध्वस्त किया गया था।
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तीसरी तस्वीर: यह तस्वीर कश्मीर पैट्रियट की एक रिपोर्ट से ली गई है, जिसमें त्राल इलाके में सुरक्षा बलों की तलाशी के दौरान एक मकान को विस्फोट से क्षतिग्रस्त होते दिखाया गया।
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चौथी तस्वीर: यह तस्वीर MSN न्यूज़ के एक रिपोर्ट से मेल खाती है, जिसमें यह बताया गया कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों आदिल ठोकर और आसिफ शेख के घरों को उड़ा दिया गया।
निष्कर्ष: फैक्ट चेक में यह पुष्टि की गई कि इन घरों को आम नागरिकों के नहीं बल्कि आतंकवादियों के घरों को नष्ट किया गया था। इसलिए, सोशल मीडिया पर जो दावा किया गया था कि भारतीय सेना ने बेगुनाह नागरिकों के घर तोड़े, वह गलत है