रूस के साथ जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने एक अहम बयान देकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जेलेंस्की ने कहा है कि वह डोनाल्ड ट्रंप से नहीं डरते, जबकि कई अन्य पश्चिमी देशों में ट्रंप की नीतियों को लेकर चिंता जताई जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रंप और उनके बीच हुई पिछली बैठक को लेकर जो नकारात्मक रिपोर्टें सामने आई थीं, वे पूरी तरह भ्रामक हैं। दरअसल, रूस ने रविवार को यूक्रेन के ऊर्जा ग्रिड पर बड़ा हमला किया था, जिससे राजधानी कीव सहित कई क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई थी। इस हमले के बीच जेलेंस्की ने ब्रिटिश अखबार द गार्जियन को दिए इंटरव्यू में ट्रंप और अमेरिका के साथ अपने संबंधों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमारे संबंध सामान्य हैं। उन्होंने किसी भी बैठक में कोई अभद्रता या नाराज़गी नहीं दिखाई।”
जेलेंस्की ने यह भी बताया कि उनके और ट्रंप के बीच रिश्ते सुधारने में प्रिंस चार्ल्स ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने उस रिपोर्ट को खारिज किया जिसमें दावा किया गया था कि व्हाइट हाउस में हुई एक बैठक के दौरान ट्रंप ने युद्धक्षेत्र के नक्शे फेंक दिए थे। जेलेंस्की ने स्पष्ट किया, “उन्होंने कुछ नहीं फेंका था। यह सब मनगढंत है। हमारे संबंध सामान्य और व्यावहारिक हैं।”
ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि ट्रंप ने कथित तौर पर जेलेंस्की पर दबाव डाला था कि वह व्लादिमीर पुतिन की शर्तों को स्वीकार कर युद्ध समाप्त करें। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ट्रंप ने यहां तक कहा कि अगर यूक्रेन सहमत नहीं हुआ, तो पुतिन उसे तबाह कर देंगे। लेकिन जेलेंस्की ने इस रिपोर्ट को नकारते हुए कहा कि उनकी बैठक का स्वरूप पूरी तरह अलग था।
उन्होंने बताया कि उस समय यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने ट्रंप प्रशासन के सामने हथियारों, आर्थिक प्रतिबंधों और सुरक्षा रणनीति से जुड़ी एक रूपरेखा प्रस्तुत की थी। इस योजना का उद्देश्य रूस की सैन्य क्षमता को कमजोर करना और पुतिन को बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर करना था।
जब जेलेंस्की से पूछा गया कि “क्या आप भी ट्रंप से डरते हैं, जैसा कि कुछ अन्य देश करते हैं?” तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “नहीं, हम अमेरिका के दुश्मन नहीं हैं। हम दोस्त हैं, तो डर कैसा?” उन्होंने आगे कहा, “ट्रंप को उनकी जनता ने चुना है, और हमें अमेरिकी जनता के फैसले का सम्मान करना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे मुझे मेरी जनता ने चुना है।”
जेलेंस्की ने यह भी दोहराया कि अमेरिका सदियों से यूक्रेन का रणनीतिक साझेदार रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को और गहरा करना है, चाहे अमेरिका में कोई भी राष्ट्रपति क्यों न हो। रूस के साथ युद्ध जारी रहने के बावजूद जेलेंस्की का यह बयान दर्शाता है कि यूक्रेन अब केवल युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि कूटनीतिक मंच पर भी मजबूती से अपनी स्थिति पेश कर रहा है।