मुंबई, 3 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब अपने प्रीमियम फैमिली प्लान को लेकर सख्त हो गया है। अब तक यह माना जाता था कि यह प्लान दोस्तों और दूर रहने वाले रिश्तेदारों के बीच भी शेयर किया जा सकता है, लेकिन अब यूट्यूब ने इस पर लगाम कसनी शुरू कर दी है। कई उपयोगकर्ताओं को ईमेल के माध्यम से चेतावनी दी जा रही है कि यदि उनके परिवार के सदस्य एक ही पते पर नहीं रहते हैं तो उनकी प्रीमियम सदस्यता 14 दिनों के भीतर रोक दी जाएगी।
यह कदम नेटफ्लिक्स जैसी अन्य स्ट्रीमिंग सेवाओं के समान है, जिन्होंने पासवर्ड शेयरिंग को रोकने के लिए इसी तरह के नियम लागू किए थे। यूट्यूब ने हमेशा अपनी शर्तों में यह साफ किया था कि फैमिली प्लान के सभी सदस्यों को एक ही घर में रहना चाहिए, लेकिन इस नियम का कड़ाई से पालन अब तक नहीं किया जा रहा था। इस नई सख्ती के पीछे कंपनी का मकसद है कि लोग सही तरीके से अपनी सदस्यता का उपयोग करें और इसका दुरुपयोग न करें।
क्या है नया बदलाव?
यूट्यूब अब नियमित रूप से इलेक्ट्रॉनिक जांच करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फैमिली प्लान के सभी सदस्य एक ही पते पर रहते हैं। यह जांच आईपी एड्रेस और डिवाइस आईडी जैसे कारकों पर आधारित हो सकती है। यदि कोई सदस्य इस जांच में विफल होता है, तो उसे 14 दिनों की मोहलत दी जाएगी। इसके बाद भी अगर वह अपनी पात्रता साबित नहीं कर पाता, तो उसकी प्रीमियम सुविधाएँ, जैसे कि विज्ञापन-मुक्त वीडियो, बैकग्राउंड प्ले और ऑफलाइन डाउनलोड, बंद कर दी जाएंगी। हालांकि, वह उस फैमिली ग्रुप का हिस्सा बना रहेगा, लेकिन उसे केवल विज्ञापनों के साथ वीडियो देखने को मिलेंगे।
इस बदलाव से उन लोगों को काफी परेशानी हो सकती है जो अपने दोस्तों या कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों के साथ अकाउंट शेयर करते थे। कई उपयोगकर्ताओं का कहना है कि अगर यह सिर्फ "परिवार" के बजाय "घरेलू" प्लान है, तो कंपनी को अपने नाम में बदलाव करना चाहिए। यह एक बहस का विषय बन गया है कि क्या यह कदम उपभोक्ताओं के लिए एक अनावश्यक प्रतिबंध है या कंपनी का राजस्व बढ़ाने का एक वैध तरीका है।
भविष्य की रणनीति
यूट्यूब के इस कदम को राजस्व बढ़ाने और अपने प्लेटफॉर्म पर अधिक व्यक्तिगत सदस्यों को आकर्षित करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। नेटफ्लिक्स ने भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी, जिसके बाद उसके ग्राहक आधार में वृद्धि हुई थी। अब देखना यह है कि यूट्यूब के इस कदम का भारत जैसे बड़े बाजार में क्या असर होता है, जहाँ लोग अक्सर खर्च कम करने के लिए अकाउंट साझा करते हैं।