मुंबई, 17 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अमेरिका और चीन के बीच चल रहे लंबे विवाद के बाद आखिरकार दुनिया के सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप्स में से एक, टिकटॉक के भविष्य को लेकर बड़ा फैसला हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि चीन की कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाले टिकटॉक को अमेरिका में अब बैन नहीं किया जाएगा। दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते के बाद ऐप के 170 मिलियन अमेरिकी यूजर्स के लिए यह एक बड़ी राहत की खबर है।
क्यों हुआ था विवाद?
पिछले कई सालों से अमेरिका टिकटॉक को लेकर चिंतित था। अमेरिकी अधिकारियों को डर था कि चीनी सरकार इस ऐप के ज़रिए अमेरिकी यूज़र्स का संवेदनशील डेटा हासिल कर सकती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। इस चिंता के कारण, अमेरिकी सरकार ने बाइटडांस को अपनी अमेरिकी हिस्सेदारी बेचने का आदेश दिया था, जिसके लिए एक समय सीमा तय की गई थी।
क्या है समझौते की शर्तें?
मैड्रिड में हुई उच्च-स्तरीय व्यापारिक वार्ता के बाद, दोनों देशों ने एक मसौदा समझौते पर सहमति जताई है। इस समझौते के तहत, टिकटॉक का अमेरिकी डेटा और सुरक्षा का नियंत्रण ओरेकल जैसी अमेरिकी कंपनियों के एक समूह के पास होगा। इसका मतलब है कि अमेरिकी यूज़र्स का डेटा अब अमेरिकी सर्वर में ही रहेगा और उसकी निगरानी अमेरिकी कंपनियां करेंगी। यह समझौता बाइटडांस को ऐप के मालिकाना एल्गोरिदम को अमेरिका में संचालित करने की अनुमति देगा, लेकिन डेटा सुरक्षा की जिम्मेदारी अमेरिका के हाथ में होगी।
हालांकि, यह डील अभी भी शुरुआती चरण में है और इसे अंतिम रूप देने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को फ़ोन पर बातचीत होने की उम्मीद है। इस समझौते को सिर्फ़ एक तकनीकी डील के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि इसे दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण व्यापारिक संबंधों में एक सकारात्मक कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है।
यह समझौता दिखा रहा है कि भले ही देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक मतभेद हों, तकनीकी सहयोग के लिए रास्ते खोजे जा सकते हैं। इस डील के बाद, दुनिया भर में कई अन्य देशों द्वारा भी इस तरह के समझौतों पर विचार किया जा सकता है।