भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा आगामी टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया की घोषणा के बाद से ही क्रिकेट गलियारों में हलचल तेज है। हालांकि टीम संतुलित नजर आ रही है, लेकिन दो प्रमुख खिलाड़ियों—शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव (SKY)—को लेकर लिए गए फैसलों ने फैंस और विशेषज्ञों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इसी कड़ी में 2007 वर्ल्ड कप विजेता टीम के स्टार खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा ने टीम चयन की खामियों और खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति पर बेबाक राय साझा की है।
क्या सूर्या की वजह से कटे गिल के पर?
उथप्पा का मानना है कि वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में टीम मैनेजमेंट किसी एक खिलाड़ी को फॉर्म में न होने के बावजूद मौका देने का जोखिम उठा सकता है, लेकिन दो खिलाड़ियों के साथ ऐसा करना आत्मघाती हो सकता है। अपने यूट्यूब चैनल पर उथप्पा ने तर्क दिया कि चूंकि सूर्यकुमार यादव टीम के कप्तान हैं और उनकी जगह प्लेइंग इलेवन में पक्की है, इसलिए टीम मैनेजमेंट एक और 'आउट-ऑफ-फॉर्म' बल्लेबाज (शुभमन गिल) को टीम में रखने का साहस नहीं जुटा सका।
उथप्पा ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "जब टीम का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रन नहीं बना रहा हो, तो आप दूसरे संघर्ष कर रहे खिलाड़ी को टीम में नहीं भर सकते। शायद यही कारण है कि गिल को बाहर का रास्ता देखना पड़ा।"
आउट ऑफ फॉर्म' बनाम 'आउट ऑफ रन' का गणित
उथप्पा ने सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल के बीच एक बहुत ही बारीक अंतर समझाया है। उनके अनुसार:
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सूर्यकुमार यादव (Out of Run): उथप्पा का मानना है कि सूर्या फॉर्म में तो हैं, लेकिन उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे। क्रिकेट की तकनीकी भाषा में इसका मतलब है कि खिलाड़ी गेंद को सही से देख रहा है और शॉट भी सही खेल रहा है, बस वह स्कोर में तब्दील नहीं हो पा रहे। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि सूर्या ने पिछली 22 टी20 पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं जड़ा है, जो चिंता का विषय है।
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शुभमन गिल (Out of Form): गिल के बारे में उथप्पा ने कहा कि वह मानसिक रूप से दुविधा में हैं। "गिल की आंखों में वह आत्मविश्वास गायब है। वह अच्छी गेंदों पर संघर्ष कर रहे हैं और दक्षिण अफ्रीका सीरीज में लुंगी एनगिडी के सामने उनका संघर्ष साफ दिखा।"
चयन प्रक्रिया पर कड़े सवाल
रॉबिन उथप्पा ने बीसीसीआई की चयन प्रक्रिया को आड़े हाथों लेते हुए इसे 'समझ से परे' बताया। उनका मुख्य विरोध किसी खिलाड़ी के चयन या रिजेक्शन से नहीं, बल्कि प्रक्रिया की निरंतरता से है।
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उपकप्तानी का ड्रामा: उथप्पा ने सवाल उठाया कि अगर शुभमन गिल को वर्ल्ड कप की योजना का हिस्सा नहीं रखना था, तो उन्हें सीरीज दर सीरीज टी20 उपकप्तान क्यों बनाया जा रहा था?
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अचानक फैसला: एक खिलाड़ी को भविष्य के कप्तान के रूप में तैयार करना और फिर अचानक उसे मुख्य टीम से ही बाहर कर देना, खिलाड़ी के आत्मविश्वास को चोट पहुँचाता है।