न्यूजीलैंड क्रिकेट के एक युग का अंत हो गया है। कीवी टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज और ऑलराउंडर डग ब्रेसवेल (Doug Bracewell) ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। 17 साल लंबे अपने शानदार करियर में ब्रेसवेल ने न केवल अपनी गेंदबाजी से बल्कि अपनी जुझारू बल्लेबाजी से भी न्यूजीलैंड क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
विरासत में मिला क्रिकेट का जुनून
डग ब्रेसवेल के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि उनकी पारिवारिक विरासत थी। वह एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसका न्यूजीलैंड क्रिकेट के इतिहास में गहरा प्रभाव रहा है। उनके पिता ब्रेंडन ब्रेसवेल और उनके चाचा जॉन ब्रेसवेल (न्यूजीलैंड के पूर्व कोच और खिलाड़ी) ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीवी टीम का प्रतिनिधित्व किया था। ब्रेसवेल ने इस गौरवशाली विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया और 12 वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रहे।
करियर के मुख्य आंकड़े: 600 से ज्यादा विकेट
डग ब्रेसवेल का 17 साल का सफर बेहद प्रभावशाली रहा है। उन्होंने साल 2008 में घरेलू क्रिकेट में कदम रखा और 2011 में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया।
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कुल मुकाबले: ब्रेसवेल ने अपने पूरे करियर (प्रथम श्रेणी, लिस्ट ए और टी20) में कुल 329 मैच खेले।
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विकेटों का अंबार: उन्होंने सभी फॉर्मेट को मिलाकर 637 विकेट अपने नाम किए।
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बल्लेबाजी कौशल: वह केवल गेंदबाज नहीं थे, बल्कि निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाज भी थे। उन्होंने करियर में 7,000 से अधिक रन बनाए।
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अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन: न्यूजीलैंड के लिए खेले 69 अंतरराष्ट्रीय मैचों (28 टेस्ट, 21 वनडे और 20 टी20) में उन्होंने 120 विकेट झटके और 915 रन बनाए।
होबार्ट टेस्ट: करियर का सबसे यादगार पल
डग ब्रेसवेल के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि साल 2011 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट टेस्ट में मिली जीत थी। उस ऐतिहासिक मुकाबले में ब्रेसवेल ने दूसरी पारी में मात्र 40 रन देकर 6 विकेट लिए थे। उनकी इस घातक गेंदबाजी की बदौलत न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराकर एक यादगार जीत दर्ज की थी। कीवी प्रशंसकों के लिए ब्रेसवेल का यह प्रदर्शन हमेशा उनके करियर का 'हाइलाइट' रहेगा।
आईपीएल और अन्य टी20 लीग का अनुभव
ब्रेसवेल ने दुनिया भर की विभिन्न टी20 लीगों में भी अपनी छाप छोड़ी। हालांकि, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में उनका सफर काफी दिलचस्प रहा।
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IPL डेब्यू: उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स (तब दिल्ली डेयरडेविल्स) के लिए अपना डेब्यू किया था। दिलचस्प बात यह है कि उनका डेब्यू मैच ही उनका आखिरी आईपीएल मैच भी साबित हुआ। उस मैच में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट झटके थे।
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SA20 और चैंपियंस लीग: उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की SA20 लीग में 4 मैचों में 4 विकेट और चैंपियंस लीग टी20 में 3 मैचों में 4 विकेट हासिल किए।
निष्कर्ष: न्यूजीलैंड क्रिकेट की विदाई
न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड (NZC) ने ब्रेसवेल के संन्यास पर उन्हें सम्मानित करते हुए उनके योगदान की सराहना की है। एक निस्वार्थ खिलाड़ी के रूप में ब्रेसवेल ने हमेशा टीम की जरूरतों को प्राथमिकता दी। चाहे वह नई गेंद से स्विंग कराना हो या मुश्किल समय में रन बनाना, उन्होंने हर भूमिका बखूबी निभाई। उनके जाने से कीवी घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा शून्य पैदा होगा।