एशिया कप 2025 की तैयारियों में जुटी टीम इंडिया के लिए हाल ही में बड़ी खबर आई है। भारतीय चयनकर्ताओं ने टूर्नामेंट के लिए टीम की घोषणा कर दी है, जिसमें विकेटकीपर-बल्लेबाज़ संजू सैमसन को भी शामिल किया गया है। हालांकि, टीम में शुभमन गिल की वापसी के बाद संजू की जगह को लेकर कई सवाल उठने लगे थे। लेकिन सैमसन ने इन सभी शंकाओं का करारा जवाब अपने बल्ले से दिया है।
तूफानी अंदाज़ में संजू का शतक
केरला क्रिकेट लीग 2025 में कोच्चि ब्लू टाइगर्स की ओर से खेलते हुए संजू सैमसन ने एक तूफानी शतक जड़ा, जिसने ना सिर्फ विरोधी टीम को हिला दिया, बल्कि चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट को भी एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है।
कोच्चि की टीम को 237 रनों का बड़ा लक्ष्य मिला था। ओपनिंग करते हुए सैमसन ने शुरुआत से ही आक्रामक तेवर दिखाए। उन्होंने महज़ 16 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और इसके बाद रफ्तार और तेज कर दी। संजू ने 42 गेंदों में ही शतक ठोक दिया, जो उनकी विस्फोटक शैली का प्रतीक है।
इस पारी में उन्होंने कुल 14 चौके और 7 छक्के लगाए, और सिर्फ 51 गेंदों में 121 रन बनाकर आउट हुए। उनकी इस पारी की बदौलत कोच्चि की टीम लक्ष्य के करीब पहुंची।
अंतिम ओवर का रोमांच
मैच का रोमांच तब और बढ़ गया जब अंतिम ओवर में कोच्चि ब्लू टाइगर्स को जीत के लिए 6 रन चाहिए थे और सिर्फ 1 गेंद बची थी। क्रीज़ पर मौजूद मोहम्मद आशिक ने नर्वस पल में शानदार छक्का लगाकर टीम को जीत दिला दी। लेकिन इस जीत की बुनियाद संजू सैमसन की विस्फोटक बल्लेबाज़ी ने रखी थी।
सैमसन की पारी से बढ़ी सूर्या और गंभीर की टेंशन
टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर और कप्तान सूर्यकुमार यादव इस समय सलामी जोड़ी को लेकर मंथन कर रहे हैं। अभिषेक शर्मा की जगह लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन उनके जोड़ीदार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
शुभमन गिल की वापसी से पहले संजू को ओपनर के तौर पर कई मौके मिले थे, जिनमें उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन गिल के टीम में आने के बाद यह तय नहीं था कि संजू को मौका मिलेगा या नहीं।
अब सैमसन के इस शतक ने चयनकर्ताओं के लिए नया सिरदर्द खड़ा कर दिया है। गिल को मिडिल ऑर्डर में, संभवतः तिलक वर्मा की जगह नंबर 3 पर मौका दिया जा सकता है, जिससे संजू को सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर बरकरार रखा जा सके।
निष्कर्ष
संजू सैमसन ने दिखा दिया है कि वह जब फॉर्म में होते हैं, तो किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकते हैं। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने उन्हें सिर्फ एशिया कप ही नहीं, बल्कि भविष्य में होने वाले बड़े टूर्नामेंट्स के लिए भी एक मजबूत दावेदार बना दिया है। अब देखना यह है कि गौतम गंभीर और टीम मैनेजमेंट इस फॉर्म का कितना सम्मान करते हैं और उन्हें किस भूमिका में मैदान पर उतारते हैं।