एशेज सीरीज 2025-26 इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हो रही है। मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के दबदबे ने जहां इंग्लैंड की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया है, वहीं अब मैदान के बाहर के विवादों ने टीम की साख पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। पहले तीन टेस्ट मैचों में शर्मनाक हार के साथ एशेज गंवाने वाली टीम अब 'शराब विवाद' और 'अनुशासनहीनता' के गंभीर आरोपों का सामना कर रही है।
नूसा ट्रिप: तरोताजा होने का मौका या विवाद की जड़?
विवाद की शुरुआत क्वींसलैंड के खूबसूरत रिसॉर्ट टाउन नूसा (Noosa) में बिताए गए ब्रेक से हुई। दूसरे और तीसरे टेस्ट के बीच इंग्लैंड की टीम को मानसिक रूप से तरोताजा करने के लिए यह छुट्टी दी गई थी। प्रबंधन का मानना था कि लगातार हार से टूट चुके खिलाड़ियों को परिवार के साथ समय बिताने और मानसिक थकान मिटाने की जरूरत है।
लेकिन जैसे ही टीम तीसरा टेस्ट भी हार गई और सीरीज 3-0 से हाथ से निकल गई, इस ट्रिप की खबरें सुर्खियां बनने लगीं। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस ब्रेक के दौरान खिलाड़ियों ने मर्यादा से अधिक शराब का सेवन किया और उनका ध्यान खेल से हटकर मौज-मस्ती पर अधिक था।
रॉब की का कड़ा रुख: "जांच होगी और कार्रवाई भी"
इंग्लैंड पुरुष टीम के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की (Rob Key) ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है। मेलबर्न में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अनुशासन के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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सख्त जांच: रॉब की ने कहा, "अगर यह पाया जाता है कि खिलाड़ियों ने सीमा से बाहर जाकर शराब का सेवन किया, तो इसकी गहन जांच की जाएगी। हम इसे हल्के में नहीं लेंगे।"
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अनुशासन की परिभाषा: उन्होंने साफ किया कि डिनर के साथ एक गिलास वाइन तक तो ठीक है, लेकिन देर रात तक बाहर रहना और अधिक शराब पीना पेशेवर व्यवहार के खिलाफ है।
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वर्तमान स्थिति: हालांकि, रॉब की ने यह भी जोड़ा कि शुरुआती फीडबैक के अनुसार खिलाड़ी अनुशासित थे, लेकिन वे पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम फैसला लेंगे।
पुराना इतिहास और गिरता स्तर
यह पहली बार नहीं है जब 'बैजबॉल' (Bazball) युग की इस टीम पर अधिक आजादी लेने के आरोप लगे हों। रॉब की ने न्यूजीलैंड दौरे की उस घटना का भी जिक्र किया जहां कप्तान हैरी ब्रूक और जैकब बेथेल का एक वीडियो वायरल हुआ था। उस समय खिलाड़ियों को अनौपचारिक चेतावनी दी गई थी, लेकिन ऐसा लगता है कि टीम ने उससे सबक नहीं लिया।
आलोचकों का कहना है कि मैदान पर खराब प्रदर्शन और मैदान के बाहर ऐसी खबरें यह दर्शाती हैं कि टीम का ध्यान भटक चुका है। जब आप दुनिया की सबसे बड़ी टेस्ट सीरीज खेल रहे हों, तो आपकी प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ खेल होनी चाहिए।
निष्कर्ष: आगे की राह
एशेज सीरीज अब केवल इंग्लैंड के लिए सम्मान बचाने की लड़ाई नहीं रह गई है, बल्कि अपनी संस्कृति और अनुशासन को फिर से स्थापित करने की चुनौती बन गई है। यदि जांच में खिलाड़ी दोषी पाए जाते हैं, तो इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) कुछ कड़े फैसले ले सकता है, जिसका असर टीम के भविष्य के ढांचे पर पड़ेगा।
क्या इंग्लैंड की टीम इस विवाद से उबरकर बाकी बचे मैचों में वापसी कर पाएगी? या यह विवाद उनके पतन की नई कहानी लिखेगा? यह आने वाला समय ही बताएगा।