मुंबई, 5 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) जब तक जिंदगी की गाड़ी एक रफ्तार से चलती है, दोस्ती के रिश्ते मजबूत रहते हैं। लेकिन जब कोई दोस्त शादी, करियर या मातृत्व जैसे बड़े बदलावों से गुजरता है, तो रिश्तों की दिशा बदल जाती है। बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत कपूर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने हाल ही में अपनी जिंदगी के इस पहलू पर खुलकर बात की, और यह बताया कि 21 साल की उम्र में शादी और फिर माँ बनने के बाद उन्हें अपने दोस्तों से कटा हुआ क्यों महसूस होने लगा था।
मीरा ने बताया कि जब उनकी शादी हुई, तब उनके दोस्त अपनी पढ़ाई और करियर की शुरुआत कर रहे थे। कुछ मास्टर्स कर रहे थे, कुछ अपनी पहली नौकरी में थे, तो कुछ गैप ईयर लेकर दुनिया घूम रहे थे। दूसरी तरफ, मीरा ने खुद को एक नई दुनिया में पाया जहाँ उनके पति एक जाने-माने अभिनेता थे और जल्द ही वह एक माँ बनने वाली थीं। इस बदलाव ने उनके और उनके दोस्तों के बीच एक दूरी पैदा कर दी। वह उनसे उस तरह से बात नहीं कर पाती थीं, जिससे उनके दोस्तों को लगने लगा था कि मीरा उन्हें भूल गई हैं।
यह भावना, जहाँ एक दोस्त एक नई राह पर निकल जाता है और बाकी दोस्त अपनी पुरानी राह पर चलते रहते हैं, बहुत आम है। लाइसेंस प्राप्त पुनर्वास काउंसलर सोनल खांगरौत के अनुसार, भारत में कई युवा महिलाओं को शादी या मातृत्व के बाद इस तरह की भावनाओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि मीरा और उनके दोस्तों की दोस्ती समय के साथ मजबूत बनी रही। जैसे-जैसे उनके दोस्त भी जीवन के अगले पड़ाव पर पहुँचे, वे मीरा की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने लगे।
मीरा राजपूत कपूर की यह कहानी दिखाती है कि जिंदगी के बड़े बदलावों को स्वीकार करना और दोस्ती के रिश्तों को बनाए रखना एक चुनौती हो सकती है। लेकिन, अगर दोस्ती की बुनियाद मजबूत हो, तो समय और दूरी भी इन रिश्तों को तोड़ नहीं सकती।