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'खरगे को हटाइए, प्रियंका को बनाइए चीफ', सोनिया गांधी को कांग्रेस विधायक ने लिखा खत, क्या डिमांड?

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Posted On:Friday, December 12, 2025

बिहार चुनाव में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद, एक बार फिर कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सवालों के घेरे में आ गया है। इस बार, ओडिशा से कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकिम ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है। मोकिम ने अपने पत्र में सीधे-सीधे वर्तमान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पद से हटाने और उनकी जगह प्रियंका गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने की मांग की है।

मोकिम ने पत्र में क्या कहा?

एएनआई से बातचीत में कटक के कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकिम ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा, "मैंने सोनिया गांधी को एक लेटर लिखा है जिसमें कहा है कि पार्टी मुश्किल दौर से गुज़र रही है। उसे उनकी सलाह और नए लीडरशिप की जरूरत है।"

मोकिम ने मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की उम्र पर सवाल उठाते हुए कहा, "AICC प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए उम्र सही नहीं है। हमें युवा नेताओं को आगे लाना चाहिए। मुझे पता है कि सोनिया जी और सीवीसी मेंबर इस पर जरूर बात करेंगे। नुआपाड़ा उपचुनाव चिंता की बात थी।"

प्रदेश नेतृत्व पर भी सवाल

विधायक मुकिम ने अपने बुधवार को लिखे पत्र में केवल केंद्रीय नेतृत्व ही नहीं, बल्कि प्रदेश इकाई के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (नाम का उल्लेख किए बिना) को इस साल की शुरुआत में लगातार तीन चुनाव हारने और 'कांग्रेस विरोधी राजनीतिक विचारधारा' से जुड़े होने के बावजूद प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

बाराबती-कटक से पूर्व विधायक ने प्रदेशाध्यक्ष और उनके विधायक बेटे द्वारा अलग 'कोसल राज्य' के लिए दिए जा रहे सार्वजनिक समर्थन पर भी सवाल उठाया। उनका दावा है कि इस रुख से पार्टी कार्यकर्ताओं में 'गहरी अशांति' का भाव उत्पन्न हो गया है।

लगातार हार के लिए कौन जिम्मेदार?

मुकीम ने हाल ही में हुए नौपाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की करारी शिकस्त को जनता के कम होते विश्वास का एक और सबूत बताया। मुकीम खुद फरवरी में प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थे।

उन्होंने पत्र में लिखा, "जब कोई नेता अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में विश्वास हासिल नहीं कर पाता, तो कार्यकर्ता स्वाभाविक रूप से उसके नेतृत्व पर से भरोसा खो देते हैं और ओडिशा में पार्टी का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर सवाल उठाते हैं।"

उन्होंने बताया कि कांग्रेस को इस सीट पर लगभग 83,000 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। पूर्व विधायक ने कहा कि हजारों जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ता अब कंफ्यूज्ड, हतोत्साहित और दिशाहीन महसूस कर रहे हैं।


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