भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन सिंधु’ एक ऐसा मानवीय मिशन बनकर उभरा है, जिसने हजारों भारतीयों की जान बचाई है। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालात बन जाने के बाद इन देशों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए यह ऑपरेशन 18 जून को शुरू किया गया। अब तक इस अभियान के तहत ईरान और इजरायल से 4415 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जा चुका है।
ईरान से 173 भारतीयों की ताजा वापसी
गुरुवार की देर रात स्पेशल निकासी फ्लाइट से ईरान में फंसे 173 भारतीय नागरिक भारत वापस लौटे। इन लोगों को पहले ईरान से अर्मेनिया के येरेवन लाया गया और फिर वहां से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतारा गया। रात 10:30 बजे यह विमान नई दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ।
इन नागरिकों में भारतीय छात्र, कामकाजी लोग और परिवार शामिल थे। इन सभी की वापसी के बाद, राहत और भावुकता से भरे उनके चेहरे साफ संकेत दे रहे थे कि यह मिशन उनके लिए कितनी बड़ी राहत लेकर आया।
19 स्पेशल फ्लाइट और भारतीय वायुसेना की मदद
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि अब तक ‘ऑपरेशन सिंधु’ में 19 स्पेशल फ्लाइट्स का संचालन किया गया है, जिनमें से 3 फ्लाइट भारतीय वायुसेना (IAF) के विमान रहे हैं। इसके अतिरिक्त इस ऑपरेशन के तहत:
-
ईरान से 3597 भारतीयों की वापसी
-
इजरायल से 818 भारतीयों की वापसी
-
14 OCI कार्डधारक,
-
9 नेपाली नागरिक,
-
4 श्रीलंकाई नागरिक,
-
और 1 ईरानी नागरिक (भारतीय का जीवनसाथी) को भी सुरक्षित निकाला गया है।
क्या बोले वापसी करने वाले भारतीय?
ईरान से लौटे एक भारतीय छात्र ने बताया, “हम गुरुवार रात अच्छे से सोए थे, लेकिन सुबह उठे तो शहर में बम गिरने लगे। माहौल अचानक बहुत डरावना हो गया। सभी के मन में सिर्फ एक ही ख्याल था—किसी भी तरह भारत वापस जाना है। सरकार ने हर संभव प्रयास करके हमें वहां से निकाला।”
वहीं, एक अन्य छात्रा ने कहा, “हम सब छात्र प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्रालय के शुक्रगुजार हैं। न सिर्फ उन्होंने हमें निकाला, बल्कि वहां हमें रहने, खाने और मेडिकल सुविधाएं भी दीं। उन्होंने हमें अकेला नहीं छोड़ा।”
इजरायल में अभी भी हैं हजारों भारतीय
भारत सरकार की नजरें अब भी इजरायल में मौजूद करीब 40,000 भारतीयों पर हैं। वहीं, ईरान में भी लगभग 10,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं। हालात स्थिर न होने की स्थिति में सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ को चरणबद्ध रूप से विस्तार देने का फैसला किया है ताकि बाकी फंसे हुए भारतीयों को भी जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके।
वैश्विक स्तर पर सराहा गया भारत का कदम
भारत द्वारा चलाया गया यह निकासी अभियान न सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श मानवीय मिशन बन गया है। जिस प्रकार भारत ने युद्ध और संघर्ष के हालात में अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाला है, वह वैश्विक कूटनीतिक और रणनीतिक कौशल का भी उदाहरण है।
‘ऑपरेशन सिंधु’ ने यह साबित किया है कि भारत अपनी “वसुधैव कुटुंबकम” की नीति पर चलते हुए न सिर्फ अपने नागरिकों की चिंता करता है, बल्कि पड़ोसी देशों के नागरिकों की मदद करने में भी पीछे नहीं हटता।
निष्कर्ष
‘ऑपरेशन सिंधु’ भारत सरकार का वह साहसिक कदम है, जिसने हजारों लोगों को जीवनदान दिया है। यह मिशन एक बार फिर साबित करता है कि भारत अब केवल एक देश नहीं, बल्कि संकट के समय में एक सशक्त और संवेदनशील राष्ट्र बनकर उभरा है। अभी मिशन खत्म नहीं हुआ है, लेकिन यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में शेष भारतीयों की वापसी भी उसी सुरक्षा और सम्मान के साथ सुनिश्चित की जाएगी।