अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बावजूद, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के सतर्क बयान ने वैश्विक बाजारों में मिला-जुला माहौल पैदा कर दिया है। इसी का असर आज, गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत पर भी दिखा। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक मामूली गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स ने 84,750.90 अंकों पर कारोबार शुरू किया, जो पिछले बंद स्तर से 0.29% नीचे रहा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 सूचकांक 25,984.40 पर खुला, जबकि पिछला बंद स्तर 26,053.90 था। इसी तरह, निफ्टी बैंक भी कमजोर खुला और 58,152.05 पर कारोबार शुरू किया।
पॉवेल के बयान से डगमगाया निवेशकों का भरोसा
बाजार को उम्मीद थी कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती की एक श्रृंखला का संकेत देगा, लेकिन चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पॉवेल ने स्पष्ट किया कि दिसंबर में फिर से ब्याज दर घटाने की कोई गारंटी नहीं है। उनके इस बयान से यह संकेत मिला कि अमेरिकी फेड मुद्रास्फीति और आर्थिक स्थिरता को लेकर बेहद सावधानी बरत रहा है और जल्दबाजी में कोई बड़ा फैसला नहीं करेगा। इसी कारण एशियाई बाजारों में भी मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक लगभग एक प्रतिशत बढ़ा, जबकि जापान का निक्केई 225 हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। अमेरिकी बाजारों में भी कल हल्की कमजोरी दिखी, हालांकि नैस्डैक सूचकांक 0.55% की तेजी के साथ एक नए रिकॉर्ड 23,958.47 पर पहुंच गया। इस तेजी में टेक्नोलॉजी दिग्गज एनविडिया (Nvidia) के शेयरों का बड़ा योगदान रहा। इसके अतिरिक्त, निवेशकों की नजरें आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात पर टिकी हैं, जो दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने बातचीत होगी। इस बैठक से व्यापारिक संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर बाजार सतर्क है।
आज तिमाही नतीजों पर रहेगी पैनी नजर
घरेलू बाजार की दिशा अब देश की प्रमुख कंपनियों के दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजों से तय होगी। आज कई बड़ी कंपनियों के नतीजे घोषित होने वाले हैं, जिनमें अदाणी पावर, डाबर इंडिया, यूनाइटेड स्पिरिट्स, केनरा बैंक, एनटीपीसी, बंधन बैंक, आईटीसी, सिप्ला, और डीएलएफ शामिल हैं। बाजार को उम्मीद है कि उच्च ब्याज दरों और मांग में नरमी के बीच भी बैंकिंग, एफएमसीजी (FMCG) और ऑटो सेक्टर की कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। इन नतीजों से यह स्पष्ट होगा कि अर्थव्यवस्था के किन क्षेत्रों ने अपनी मजबूती बनाए रखी है। बैंकिंग कंपनियों की आमदनी में संभावित सुधार निवेशकों के भरोसे को बढ़ा सकता है, जबकि आईटी और एफएमसीजी कंपनियों के नतीजे बाजार की समग्र भावना को दिशा देंगे।
आईपीओ और कमोडिटी बाजार में हलचल
आईपीओ बाजार: प्राथमिक बाजार में भी आज गहमागहमी है। हेलमेट बनाने वाली कंपनी स्टड्स एक्सेसरीज (Studds Accessories) का आईपीओ आज खुल रहा है। वहीं, ऑर्कला इंडिया (Orkla India) आईपीओ का आज दूसरा दिन है। छोटे और मध्यम आकार के उद्यम (SME) सेगमेंट में भी सिक्योर सर्विसेज और गेम चेंजर्स जैसे आईपीओ खुले हुए हैं। सोना और तेल: फेड के फैसले के बाद कमोडिटी बाजार में भी उतार-चढ़ाव दिखा। पॉवेल की सख्त टिप्पणियों के कारण निवेशकों ने सावधानी बरती, जिससे सोने की कीमतें शुरुआती उछाल के बाद सीमित दायरे में रहीं। वहीं, अमेरिका में तेल भंडार में उम्मीद से अधिक गिरावट आने और ट्रंप के सकारात्मक बयानों के चलते तेल की कीमतों में मजबूती बनी रही। ब्रेंट क्रूड 0.8% बढ़कर 64.93 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। कुल मिलाकर, अमेरिकी फेड के फैसले और पॉवेल की सतर्क टिप्पणी के कारण भारतीय बाजार पर दबाव बना हुआ है, हालांकि निवेशकों की नजरें अब तिमाही नतीजों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वार्ताओं पर टिकी हैं।